माँ-बाप
दुनिया में लाये गयें बच्चों के माध्यम है माँ – बाप
परवरिश के रचनाकार है माँ – बाप
मेहनत ,जिम्मेदारियो के साथ कर्तव्य निभाते हैं माँ – बाप
अपना फर्ज निभाते हैं माँ-बाप
निस्वार्थ प्रेम करते हैं ।
दुनिया में अलग प्रेम ,विश्वास देते हैं।
बच्चों को अपना वजूद वोअंग भाग समझते हैं।
कुछ दिन ही सही पर राजा की तरह बेपरवाह हो जीते हैं।
जिसे माँ- बाप का छत्रछाया मिलता है।
घर का महौल,रौनक है माँ-बाप
बच्चों की जिंदगानी है माँ – बाप
कभी भी अपने लिए ना जीते हैं ।
ताउम्र बच्चों की ही सोचते।
आसमान की विराटता लिए माँ – बाप _ डॉ. सीमा कुमारी
बिहार ,भागलपुर दिनांक – 25-3-022 की मौलिक स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।