माँ-बाप-और बेटा पार्ट 2 ◆
—————————
क्या हुआ के माँ बाप ने कुछ कह दिया तुझे
इस बड़े संसार मे अमूल्य जीवन दिया तुझे।
बातें आज उनकी तुझे बे-फिजूल लगती हैं
जिन बातों से जीने का सही ढंग दिया तुझे।
वही माँ बाप आज तुझे करकते हैंआँखों मे
जवानी गवांकर जिन्होंने बड़ा किया तुझे।
क्या हुआ जो बाप ने इक़ थप्पड़ तुझे मार
दिया,क्या हुआ जो माँ ने तुझको डाँट दिया।
उसी डाँट और थप्पड़ से रास्ता तूने पाया था
बिन भटके जब तू सड़को पे चल पाया था।
आज उन्ही पर बातों से तू गहरे वार करता है
उनके कुछ समझाने पेभी नही तू समझता है।
कैसी तू औलाद और किस क़िस्म का बेटा है
अपने आगे उनको कभी बोलने नही देता है।
भूल गया वो दिनक्या तू जब माँ माँ रटता था
पापा से बचने को माँ के पीछे छुपता था।
तो क्या हुआ जोमाँ आज कुछ कर नही पाती
पैरों के सहारे अपने ख़ुद कुछ कर नही पाती।
ये फ़र्ज है तेरा बेटे की हर पल उनको मान दे,
हरकाम से पहले तू अपने माँ बाप पे ध्यान दे।