माँ पर दोहे
माँ से ही परिवार है, माँ से ही संसार
माँ से ही है अर्चना, माँ से ही है प्यार
माँ तो पहने त्याग का,सदा रहे परिधान
माँ ही है भगवान सम,जग में बड़ी महान
माँ भावों की है नदी, सीधा रहे बहाव
मां ही हर तूफान में , बन जाती है नाव
अनुपम ये भगवान से, मिला एक उपहार
भुला नहीं सकते कभी, माता का उपकार
माँ से हमको प्यार सँग, ममता मिली अपार
माँ की है संसार में,महिमा अपरंपार
मातृ दिवस भी हो गया, जैसे इक त्यौहार
माता की तस्वीर का, हुआ आज उद्धार
13-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता