*”माँ तो बस माँ होती है”*
“माँ तो बस माँ होती है”
हिमालय से ऊँची सागर सी गहरी हो माँ,
वायु सी गतिशील जप तपस्या में लीन हो माँ,
जीवन दात्री ममतामयी शक्ति दायिनी हो,
सांसों में बसी धड़कन सिर्फ तुम्हीं हो माँ…..! ! !
शशिकला व्यास✍️
“माँ तो बस माँ होती है”
हिमालय से ऊँची सागर सी गहरी हो माँ,
वायु सी गतिशील जप तपस्या में लीन हो माँ,
जीवन दात्री ममतामयी शक्ति दायिनी हो,
सांसों में बसी धड़कन सिर्फ तुम्हीं हो माँ…..! ! !
शशिकला व्यास✍️