Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2019 · 1 min read

माँ तो आखिर माँ होती है ।

माँ तो आखिर माँ होती है ।
माँ तो आखिर माँ होती है ।
नहीं कमी होती दुलार में।
पालन पोषण स्नेह प्यार में ।
वत्सलता भरपूर मिली है ।
स्नेह की सदा शमा होती है
माँ तो आखिर माँ होती है ।
कितनी भी गलती करते हम
माँ से तुरंत क्षमा होती है।
माँ तो आखिर माँ होती है ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
2 Likes · 458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
है कौन जो इस दिल का मेज़बान हो चला,
है कौन जो इस दिल का मेज़बान हो चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
Buddha Prakash
4441.*पूर्णिका*
4441.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🙅SUNDAY🙅
🙅SUNDAY🙅
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
Manisha Manjari
Dear Moon.......
Dear Moon.......
R. H. SRIDEVI
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
Ravi Prakash
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
लड़कियों का दिल बहुत ही नाजुक होता है उन्हे हमेशा प्यार और स
लड़कियों का दिल बहुत ही नाजुक होता है उन्हे हमेशा प्यार और स
Rj Anand Prajapati
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
फिसला जाता रेत सा,
फिसला जाता रेत सा,
sushil sarna
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
कल मेरा दोस्त
कल मेरा दोस्त
SHAMA PARVEEN
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
gurudeenverma198
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
"मौसम"
Dr. Kishan tandon kranti
*कल की तस्वीर है*
*कल की तस्वीर है*
Mahetaru madhukar
Loading...