माँ – चंद दोहे
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पाया माँ की गोद में, ममता का संसार
बडे चैन से सो गया, बचपन पाँव पसार
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देखे सपना नींद में, अधर खिली मुस्कान
बच्चे के आनंद में , बसती माँ की जान
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तीर्थ किये मंदिर गये, होकर के नत शीश
बिन माँगे पर मिल गया, माता का आशीष
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माँ के जैसा ना मिला, हमदम सच्चा मीत
प्रेम यह अक्षुण्ण सदा, हार हुई या जीत
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कितना भी सुन लीजिये, मधुर मदिर संगीत
अब तक गूंजें कान में , माँ के लोरी गीत
-ओंम प्रकाश नौटियाल
बडौदा , 9427345810
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