माँ को भूल जाते हैं
जमाना यूँ बदलता है वफा को भूल जाते हैं ।
सदा कमजोर इंशा ही जफा को भूल जाते हैं ।।
कभी जो पांच बेटों को अकेले पाल लेती थी।
यहाँ अब पांच बेटे ही वो माँ को भूल जाते हैं ।।
— कवि देवेन्द्र शर्मा ” देव “
जमाना यूँ बदलता है वफा को भूल जाते हैं ।
सदा कमजोर इंशा ही जफा को भूल जाते हैं ।।
कभी जो पांच बेटों को अकेले पाल लेती थी।
यहाँ अब पांच बेटे ही वो माँ को भूल जाते हैं ।।
— कवि देवेन्द्र शर्मा ” देव “