माँ कुष्माण्डा
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🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें…,
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙
🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
मां दुर्गा का स्वरूप: कुष्माण्डा
नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कुष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है-इस दिन साधक का मन ‘अनाहत’ चक्र में अवस्थित होता है…,
जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी- अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं, इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है-वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है- इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं…,
इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं,ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है,माँ की आठ भुजाएँ हैं,अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं…,
इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है-आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है,इनका वाहन सिंह है…,
मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’
माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं- इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है-माँ कूष्माण्डा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है…,
श्लोक:
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
Affirmations:
66.मेरे जीवन में इस दशा की जरूरत को में जाने देता हूं…,
67. मैं भी किसी योग्य हूं …,
68. मै अपने जीवन के लिए धनाढयता घोषित करता हूं…,
69.मैं अपनी आंतरिक बुद्धि पर भरोसा करता हूँ …,
70.मेरा प्रेम असीम है…,
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱