Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

माँ की वसीयत

खोलो जब मेरी वसीयत ह्रदय की आँखों से लेना बाँच,
तुम ही रहे हो मेरे जीवन के सवेरे और साँझ।

वसीयत में रखे पैसे नहीं हैं सिर्फ़ काग़ज़ के टुकड़े,
हैं ये तिनके जिन्हें जोड़ बनाए हमने प्रेम के घरौंदे।

जब देखो वसीयत में मिला घर आलीशान,
रख लेना माँ का मान ।
सत्य- प्रेम -आदर का रखना उसमें वास,
है बेटा तुमसे बस इतनी सी आस ।

न गिनना कभी भी घर की मंज़िलें ,
गिन लेना उनमें लगे थे जो मेले।
घर की नींव में भरा है तुम्हारे लिए अपार प्यार,
लेना भरपूर ,जब भी बेटा तुम कभी पड़ो अकेले।

है वास्तविक वसीयत में हीरे जवाहरात का होना ,
पर याद रखना तुम ही हो हमारा खरा सोना ।
नहीं रही चाहत कभी भी मिले मुझे करोड़ों का हीरा ,
तेरे हाथों के हार ने बनाया हमारा हर पल सुनहरा।

बड़े से घर में हमारे लिए छोटा सा इक कोना रखना,
जहाँ हर दिन मेरे संग हँसना जारी रखना।
बनाई है मैंने बंगले की खिड़कियाँ बहुत बड़ी,
ताकि प्रकृति व प्रभु से तुम्हारी कड़ी रहे जुड़ी।

खिंची है द्वार पर संस्कार रूपी लक्ष्मण रेखा ,
चलेगा ग़र तू संभल न खाएगा कभी धोखा।
अंत में लिखती है तेरी माँ बेटा ये नसीहत ,
प्यार को हमारे समझना सबसे बड़ी वसीयत।

इंदु नांदल , विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित

Language: Hindi
2 Likes · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Indu Nandal
View all
You may also like:
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
हिस्सा,,,,
हिस्सा,,,,
Happy sunshine Soni
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
फिर आई बरसात फिर,
फिर आई बरसात फिर,
sushil sarna
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हिंदी लेखक
हिंदी लेखक
Shashi Mahajan
पुष्प
पुष्प
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
चुप रहने की आदत नहीं है मेरी
चुप रहने की आदत नहीं है मेरी
Meera Thakur
कहाँ चल दिये तुम, अकेला छोड़कर
कहाँ चल दिये तुम, अकेला छोड़कर
gurudeenverma198
*भाई और बहन का नाता, दुनिया में मधुर अनूठा है (राधेश्यामी छं
*भाई और बहन का नाता, दुनिया में मधुर अनूठा है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
विचारों की रोशनी
विचारों की रोशनी
Dr. Kishan tandon kranti
.पुराना कुछ भूलने के लिए
.पुराना कुछ भूलने के लिए
पूर्वार्थ
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे ज़मीं की बात करें
कैसे ज़मीं की बात करें
अरशद रसूल बदायूंनी
उमंग जगाना होगा
उमंग जगाना होगा
Pratibha Pandey
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
आत्माभिव्यक्ति
आत्माभिव्यक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
फूल
फूल
Punam Pande
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
आर.एस. 'प्रीतम'
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
Loading...