माँ की याद
” माँ की याद ”
तुमसे मिली सांसें तुमसे मिला जीवन
तुमसे ही सब रिश्ते तुमसे जुड़ा ये मन,
जिंदगी में जो खुशीयों की है ये बहार
आशीर्वाद है तेरा ये तेरा है प्यार |
न जाने कहाँ तू चली गई माँ
छोटी छोटी बातों पर जिद्द करने वाली,
आज अकेले में रोना सीख गई
देख माँ तेरी बेटी अब बड़ी हो गई |
माँ एक बार पुकारने पर तू दौडी चली आती थी
आज इतना बुलाने पर क्यों नहीं आती है,
बिते पलो की यादें रूला जाती है
क्या तूझे हमारी याद नहीं आती है |
दुनिया तो देती है ठोकर हर दम
एक तेरी ही गोदी में झूले थे हम,
वो लोरी तेरी सुनके सोते थे हम
तेरे होने से न होता था कोई गम |
आपस में लडते थे जो हम भाई बहन
तू समझाती थी रहो सब मिल जुलकर,
दुख अपने हमको न बताती थी तू
देखकर हमको मुस्कुराती थी |
भूखा हमको कभी न सोने दिया
न हमको कभी रोने दिया,
खाली पेट सो जाति थी माँ
खुशीयों के बिज बो जाती थी तू |
हमारे बीमार हो जाने पर तू घबरा जाती थी
पूरी रात जागकर सीरपे भीगी पट्टी रखती थी,
आज देख माँ तेरे सारे बच्चे फिरसे बिमार है
फिरसे सरपे हाथ रखदे देख तेरे बच्चे बेहाल है |
थक हार के जब शाम को वापस आता हूँ
पापा को भीगी पलकों से शांत बैठे पाता हूँ,
पूरे घर में बस तेरी कमी खलती है
हो सके तो लौट आ माँ तेरी याद रूलाती है |
लेट घर जाता हूँ तो लगता है अभी सिर पर हाथ फिराएगी देख के अपने बच्चों को मुस्कुराएगी,
मगर तू तो ख्यालों से बाहर ही नहीं आती माँ
अपने बच्चों को तू अब क्यों नहीं बुलाती माँ |
माँ हम कभी न रूठेंगे तुमसे, तू रूठी तो तुझे मनाएंगे
दूर तुमसे न हम रह पाएंगे, पलकों पर ये आंसू हमारे हैं,
तू आके इन्हें हटा जाना, अब नींद नहीं आती आंखों में
तू आकर सूला जाना, एक लोरी तो सूना जाना |
अब क्यों नहीं डांटती हमको
न ही प्यार से बुलाती है,
क्यों इतना दूर गई हमसे
तेरी याद रूलाती है |
धन्यवाद🙏