*माँ की चरण वंदना*
माँ की चरण वंदना कर लो
खुशियों से झोली भर लो
सभी तीर्थ स्थल चरणों में
कहाँ ढूंढता रहता वन में ।
जन्मदात्री ममता मूरत,
माँ के पाँव सब तीर्थ का तीरथ।
कम खाती पर हमें खिलाती,
लोरी गाकर हमें सुलाती।
अमृत देकर हमें जिलाती।
रक्षा करके पालन करती।
आशीर्वाद से हाथ फेरती।
धन्य धनी सौभाग्यवान है,
जिनके घर माँ का सम्मान है।
सब गलती माफ कर देती
माँ मेरे लिए ईश्वर से लड लेती।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र