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6 Jan 2023 · 1 min read

माँ का प्यार

मां स्नेह वात्सल्य जनित है,
प्रियसी का श्रृंगार अधीन।
मां का प्यार ओस की बूंदें,
और सजनी सरवर की मीन।
मां के प्रेम में डूब गया जो,
वो बन गया शिवा सम्राट |
महबूबा की चाह में भटके,
मजनूं रांझा और फरयाद ।
माँ का प्यार दुआ है रब की,
बाकी सब मतलब का प्यार।
मत नापो मां की ममता को,
नहीं तुलना दूजी संसार।

सतीश शर्मा ‘सृजन,’ लखनऊ, उप्र.

Language: Hindi
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