माँ का आँचल धन्य है ।
धन्य.धन्य मेरी भारत माँ का आँचल धन्य.है, प्रहरी बना हिमालय वो हिमांचल धन्य है।
लहराती बलखाती नदियां
बहती जिसके आँगन में,
कोयल प्यारी गीत सुनाए
कूं कूं करके सावन में,
विन्ध्य टवी पे बसा.हुआ विन्ध्याचल धन्य है।
प्रहरी बना…………………।
सूरज आके सबसे पहले
जहाँ उजाला दे जाये,
शान्त स्निग्ध रातों मे चन्दा
तारों के संग मुस्काये,
अरूण लिये.लालिमा ये पूर्वांचल धन्य है।
प्रहरी बना…………………..।
शौर्य गाथायें.लोरिक की
जहाँ दिशाएं गाती हैं,
वीरों के पथ पर ये कलियां
मंद मंद मुस्काती हैं,
इतिहास के पन्नों मे ए सोनान्चल धन्य है।
प्रहरी बना…………………..।