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16 Nov 2018 · 1 min read

माँ कहाँ तुम चली गई

माँ कहाँ तुम चली गई
तुम बिन जीवन सूना है
अब थक जाती हूँ तो कोई नहीं कहता आराम कर ले
माँ कहाँ तुम चली गई
अब कोई नहीं कहता खाना खाया या नहीं
भूखी ही सो जाऊँ किसी को नहीं पता
माँ कहाँ तुम चली गई
माँ का आंचल कहाँ से लाऊं
जिसमें छुप जाया करती थी
सब गम भूल जाया करती थी
माँ कहाँ तुम चली गई
माँ तुम बिन कुछ नहीं मै
बस तुम्हारी छाया हूँ
माँ कहाँ तुम चली गई ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 1097 Views
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