(माँ कश्मीर में पीटने वाले बेटे से)
फ़ोन किया माँ ने बेटे को..तूने नाक कटाई है,
तेरी बहना से सब कहते,बुजदिल तेरा भाई है।
ऐसी क्या मज़बूरी थी,,,,,क्या ऐसी लाचारी थी,
कुछ कुतोकी टोली कैसे,,,तुम शेरोपे भरी थी,
वीर शिवा के वंसज थे तुम,,,चाट क्यों ऐसे धूल गये,
हाथों में हथियारतो थे,,,क्यों उन्हें चलाना भूल गए,
गीदड़ बेटा पैदा करके,,,मैंने कोख लजाई है,
तेरी बहना से सब कहते है,,,,बुजदिल तेरा भाई है,
( लाचार फौजी अपनी माँ से)
इतना भी कमजोर नहीं था,,,माँ मेरी मज़बूरी थी,
ऊपर से फरमान यही था,,,चुपी बहुत जरुरी थी,
सरकारे ही पिटवाती है,,,,हमको इन गिद्धरो से,
गोली का आदेश नहीं है,,,,दिल्ली के दरबारों से,
गिन गिन कर बदला लूंगा,,,,कसम ये मैंने खायी है,
तू गुड़िया से कह देना,,,ना बुजदिल तेरा भाई है।