माँ और बाप
आस्थाओं की आस्था
प्रेम की पराकाष्ठा
निज का दफ़न ताप,
माँ और बाप ..
आंसुओं के नद
परवाह की हद
अपनेपन की अमिट छाप
माँ और बाप ..
कतरा कतरा अर्पण
निजसुख का तर्पण
मोह का कालजयी शाप
माँ और बाप ..
समझोतों के सौदागर
निर्भर जीवनभर
इच्छा? सुई की नाप
माँ और बाप ..
ईश्वर की क्षतिपूर्ति
गतिशील मूर्ति
व्योम सा सर पर हाथ
माँ और बाप ..
– नीरज चौहान की कलम से