माँ आदिशक्ति
आदिशक्ति जगजननी
ज्वाला रूपी जगदम्बे ।
कष्ट मिटा दो तिमिर हटा दो
राह दिखाओ हे अम्बे ।।
एक बने हम नेक बने हम
शरण तुम्हारी हे अम्बे ।
तेरी महिमा दुनिया जाने
जयति जयति माँ जगदम्बे ।।
बिछुड़ गए जो उन्हें मिला दो
सबके बिगड़े काज बना दो ।
हाथ जोड़ हम स्तुति गावें
नमामि दुर्गे नमामि अम्बे ।।
सहज रूप में तुम हो अम्बा
जगजननी तुम हो जगदम्बा ।
काल देख बन जाती काली
जय दुर्गे जगदम्बे अम्बा ।।
नवदुर्गा एवम् नववर्ष के पावन पर्व पर सभी को मंगलमयी शुभकामनायें ।
सुनील सोनी “सागर”
चीचली (म.प्र.)