महिला सुरक्षा ,समाज सुरक्षा।
महिला सुरक्षा ,समाज सुरक्षा।
घर घर में लक्ष्मी बस्ती है,
जब हर नारी घर की सुरक्षित होती है।
जो रसोई में अन्नपूर्णा होती है,
जिसकी आंखों में ममता होती है।
जो अपनों की रक्षा करती है,
आत्मरक्षा भी जानती है।
जब समाज पर कोई आ जाए,
यह चंडी मां का रूप होती है।
और हर परेशानी का मुस्कुरा कर जवाब देती है।
जिस घर में नारी नहीं होती है,
वह घर भी सुना होता है।
जिस घर में नारी का अस्तित्व हो,
वह हर पल मोहताज होता है।