महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण
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प्राचीन काल से महिलाओं की हर क्षेत्र में भूमिका रही है।
जैसे कि रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गा वती,
अहिल्याबाई आदि महिलाओं का विशेष योगदान रहा है।
हमारे देश में नारी को देवी कहा गया ।
“यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता:,
लेकिन फिर भी समाज में नारी को उच्च दर्जा नहीं मिला,
जिसके लिए लगातार प्रयत्न किए
जा रहे हैं।
वैसे तो नारी आज हर क्षेत्र में कार्य कर
रहीं हैं।जमीं से आसमान तक नारी
कार्यरत है,उदाहरण—
मैरीकाम,सायना नेहवाल, मिताली राज सुनीता विलियम्स आदि महिलाओं ने सबसे लोहा मनवाया ।
और देश का नाम रोशन कर रही हैं—
मुक्के बाजी में मैरी काम की प्रतिभा
को भारत ही नहीं, एवं पूरी दुनिया
कायल है।
मेहनत और लगन से यह
साबित कर दिया कि कुछ करने की —
जिद है तो कुछ भी आड़े नहीं आता।
गरीबी भी नहीं।
बस महिलाओं को अपनों का साथ
मिले, और उनको बढ़ावा दिया जाये।
बरावर का दर्जा भी,
तो नारी हर क्षेत्र में बुलंदी के झंडे
गाड़ सकती है।
आज समाज महिलाओं को
लेकर जागरुक है और उनको आगे
बढ़ावा भी दिया जा रहा है।
महिलाएं हर काम जिम्मेदारी से करती हैं!
.लेकिन फिर भी हमारे भारतीय समाज में कुछ मान्यताएं, रिवाज ऐसे हैं कि।
महिला सशक्तिकरण के लिए परेशानी
बना हुआ है—
जैसे कि रूढ़ि वादी विचारधारा से ।
क ई क्षेत्रों में महिलाओं के घर से बाहर
जाने पर पाबंदी होती है।।
और शिक्षा और रोजगार के लिए ,
बाहर जाने की छूट नहीं थी।
और उन्हें हर काम के लिए पुरूषों
की अपेक्षा कम ही माना जाता है।
हम तो कहेंगे कि महिलाओं
को हर काम में सभी को आगे बढ़ने में
मदद करनी चाहिए।
तभी हमारा समाज तेज गति से
तरक्की करेगा और महिला
सशक्तिकरण को बढ़ाव मिलेगा।
देश उन्नति करेगा—-
मोदी जी ने नारा भी दिया है
“बेटी बचाओ,बेटी पढा़ओ,,
उसका अनुसरण करें और !
बेटियों कोआसमान की बुलंदी
छूने दो—–
तो दुनिया की कोई ताकत उसे आगे
बढ़ने से रोक नहीं पायगी!!!
और हमारा देश उन्नति कि और अग्रसर
होगा।
देश तभी तरक्की करेगा—
महिलाओं को सशक्त होने का पूरा
अधिकार मिलना चाहिए।
पुरुष की तरह उन्हें भी हर क्षेत्र में
जाने की आजादी मिलनी चाहिए।
कहते हैं न कि—
” एक नारी सब पे भारी,,
मतलब पुरूषों की तरह नारी भी
सब कुछ कर सकती है।
महिला सशक्तिकरण तभी होगा,
और हमारे देश की महिलायें एक
नया इतिहास रचेंगी—-
बस उनको सहयोग कीजिए,
और उनको उड़ने तो दीजिए,
उनके पंख मत काटिए!
उड़ती हुई परिंदा हैं उनको ,
उड़ान तो दीजिए!!!
नारी हर मैदान में विजयी होती है।
और कुछ भी कर सकती है–
आज बदलाव आया है,
परिवर्तन हो रहें हैं।
नारी अग्रसर हो आगे बढ़ रही है!!
“शक्ति का नाम ही नारी हे,,
*सुषमा सिंह उर्मि,,