महिला सशक्तिकरण दिवस पर कविता
महिलाओं तुम आगे आओ,है जरूरत तुमको सशक्त बनने की।
आ गयी है बारी अब,इस समाज की संकीर्ण सोच बदलने की।।
महिलाओं स्वयं तुमको ही खुद आगे बढ़ना होगा।
हो युगों-युगों से पूजनीय,अब तुमको जगना होगा।
बढ़ती रहना तुम यूँ ही सदा,पर अपनी पति न खोना तुम।
लज़्ज़ा ही सिर्फ तेरा गहना,इसको सँभाल कर रखना तुम।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.-9628368094,7985502377