महिला दिवस- समानता का हक
अपनों की खातिर
अपना जीवन समर्पित करना,
निस्वार्थ भाव से रिश्तों की डोर
बांधकर ही रखना,
अपने सपनों को ह्रदय कीचारदीवारी
में ही कैद करके रखना,
बिना वेतन के
पूरा दिन भागदौड़ कर
घर को बखूबी संभालना,
नारी शक्ति को करें नमन
नारी को मिले समाज से भी
समानता का हक,
नियम नारी के ही वास्ते हैअदब और तहजीबमान भान और मर्यादाबचपन से ही अहसास दिलाया जाता
नारी को मिले समाज से भी समानता का हक।
अपनी प्रतिभा के दैदीप्य से
निखारे अपने व्यक्तित्व को
बस गर्व से संवारे खुद को।
-सीमा गुप्ता अलवर