महिला दिवस पर विशेष।
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। महिला दिवस मनाने वालों को मेरा षष्टागं दणवत!आज हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए । और उनकी रक्षा के लिए वचनबद्ध होना चाहिए। लेकिन आज ऐसा नही होता है।अगर कोई पति , अपनी पत्नी को बुरी तरह पीट रहा हो, तो हम तमाशबीन बने देखते रहते हैं। यहां तक हम उसके पति को भी नही समझा सकते हैं।हम इतने डरपोक हो गये है। मैंने कई महिलाओं की इस प्रकार की मदद की है।पर!यह भीड़ में कोई ऐसा नही सोचता है।आज हमारे पास कानून तो बहुत हैं।पर हम आज भी दहेज प्रथा को खत्म नही कर पाये है! और की महिलाएं इस दहेज की बलि चढ़ गई है।हम बातें बहुत करते हैं।पर उस पर अमल नही करते हैं। और नाही करवा पाते हैं?