महिला दिवस पर कुछ मुक्तक
महिला दिवस पर कुछ मुक्तक
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दुनिया की पहचान है औरत,
दुनिया पर एहसान है औरत।
मत समझो इसको कमजोर,
पुरुष से बलवान है औरत।।
हर घर की शान है औरत,
हर घर की जान है औरत।
इसको तुम कम न समझना,
हर रिश्ते की डोर है औरत।।
मर्यादा की देवी है औरत,
सम्मान की देवी है औरत।
इसका सदा सम्मान करना,
पूजा योग्य है सब औरत।।
सबसे आगे आज है औरत,
शिक्षा में भी आगे है औरत।
इसको कभी कम न समझना,
बताओ,कहां नही आगे औरत।।
जेट विमान उड़ाती है औरत,
स्पेस में अब जाती है औरत।
हर काम में वे आगे ही आगे,
हर वाहन को चलाती है औरत।।
राष्ट्र अध्यक्षा बनी है औरत,
सर्वोच्च पदों पर है औरत।
भेद भाव नहीं अब देश में ,
हर पद से सुशोभित है औरत।।
मां बहिन बनती है औरत,
सारे रिश्ते निभाती है औरत।
रस्तोगी इससे ज्यादा क्या लिखे,
पहला अक्षर “अ” है औरत।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम