महिला दिवस का ओचित्य
तुम महिला दिवस मत मनाओ ,
अपितु हर दिवस महिला को मान दो ।
तुम उसे महंगे तोहफे मत दो ,
बस दिन में एक बार मीठा बोल दो ।
तुम उसे किसी होटल में दावत मत दो ,
तुम उसे बस एक कप चाय अपने हाथ से पीला दो ।
तुम भले ही उसके काम में हाथ मत बंटाओ,
बस उस उसके काम की कद्र कर दो ।
उसकी तारीफ में दो शब्द बोल दो ।
वो सारा वक्त तुम्हारी और तुम्हारे घर की सेवा
में गुजारती है।
कभी उसे अपने लिए भी गुजारने को वक्त दो ।
अपनी खुशी ,अपने शौक और खुद को संवारने का ,
थोड़ा सा तो वक्त दो ।
उसे तुमसे जायदा कुछ नहीं चाहिए ,
बस उसे इंसान समझके उसकी कद्र करो ,
सम्मान दो ,सच्चा प्यार व् भरोसा दो ।
तुमसे उसे बस इतना ही चाहिए ।