“महा-स्वारथ”
कृष्ण जी धृतराष्ट्र की सभा में दुर्योधन से कहते हैं–
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जब मैं विनम्र हो जाता हूं,,
तब महा-बुद्ध हो जाता हूं।
जब मैं क्रुद्ध हो जाता हूं,,
तब महा-युद्ध हो जाता हूं।।
अब मैं क्रुद्ध हुआ हूँ तब,,
महा-युद्ध तो होगा ही।
अधर्म के पैरों से दूषित,,
धरा का वसन शुद्ध तो होगा ही।
—————————————–भविष्य त्रिपाठी