महा शिवरात्रि
बम-बम भोले दुनिया बोले,शिव ही जीवन में अमृत घोलें।
डम डम डमरू बजा ,धरती आसमान सजा ।
बम बम भोले का गान गूँजा,तीनों लोकों में चली महादेव पूजा।
जटाओं में गंगा लिए,मस्तक पर चाँद धारण किए ।
मानव कल्याण के लिए सदा जिए,भक्तों के भण्डार भर दिए।
गूँज उठी गली गली,महादेव की पूजा चली।
भोले की गूँज बजी ,भक्तों से धरती सजी ।
भक्तों को स्वर्ग दिया ,विष ख़ुद पी लिया ।
दुष्टों का संहार किया ,तीनों लोकों का उद्धार किया।
देवों के देव हैं ,भाव के भूखे महादेव हैं ।
भक्तों की राहों में देते बाबा बिखेर फूल,मिटाते हर कष्ट चला त्रिशूल ।
श्रद्धा – प्रेम की हवा चली ,भोलेनाथ की सेना चली ।
मस्तक पर सजा चंदन,भस्म में लिपटा जिनका बदन ।
करते सब उनका वंदन , कर देते उज्ज्वल अंतर्मन ।
छवि पावन-मनोहारी-भली,झूमती हुईं नंदी की सवारी चली।
शिव का है वास सबमें ,जीव और निर्जीव में ।
चलती उन्हीं से हर साँस , आदि से अंत रहते पास ।
गुण गाते सब नर नारी , शिवमय हुई सृष्टि सारी ।
बोल रहे सब बम बम भोले , सर्प गले में है उनके डोले ।
प्रकृति को जिसने ख़ुद सजाया , हुए क्रोधित तो तांडव मचाया ।
भोले की माया भोले ही जाने ,भक्तों को अपने वो ख़ूब पहचाने ।
सुंदर छवि सबसे न्यारी, हैं बाबा लोक हितकारी ।
प्रिय उन्हें धतूरा और भांग,देवताओं संग मिल खेलें महादेव फाग ।
धर हनुमान रूप बने राम भक्त,चाह हमारी शंकर भक्ति में गुज़रे सारा वक़्त।
बम बम भोले का गान गूँजा,तीनों लोकों में चली महादेव पूजा ।
इंदु नांदल , विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित