महाशिवरात्रि
शिव औढरदानी है, सब में महादानी है
है आज दिवस पावन
आओ आज मिलकर ,
शिवरात्री मनायें,
अपनी भक्ति भाव से,
शिव शम्भु को रिझायें ।
शिव शम्भू के विवाह का
उत्सव हम मनाये,
आओ आज मिलकर,
शिवरात्री मनायें ।
अपने भटकते मन को
शिव चरण में लगायें ‘
करके श्रंगार उनका
शिव शम्भु को रिझायें
गंगा जल से शिव शम्भू का ,
अभिषेक हम करायें ,
दूध भरी गागर लेकर,
शिवशम्भू पर चढ़ायें ।
पंचामृत का स्नान
शिवशंभू को करायें,
आओ आज मिलकर,
शिवरात्री मनायें ।
श्वेत भस्म लेकर ,
शिव शंभू पे चढ़ायें,
साबुत साबुत चावल लेके ,
अक्षत उन्हे चढाये ।
बेल पत्र प्यारा है शिव को
एक सौ आठ चढ़ायें,
भाँग – धतूरा और फूल से,
शिव शम्भू को रिझायें,
पाँच फलों का भोग लगाकर,
शिवशम्भू को खिलायें। .
आओ आज मिलकर,
शिवरात्री मनायें
करें आरती शंकर जी की
उनको आज मनायें।
जय भोले जय जय भोले
गा कर उनको टेर लगायें |
आ कर बेडा पार करो शिव,
बीच भंवर में नाव फंसी है |
मेरा तुम उद्धार करो प्रभु ,
तन, मन,धन अर्पित है तुमको,
मेरी नैय्या पार करो।
ये जीवन है तुम्हे समर्पित,
चरणो में तुम जगह दिला दो ।
आओ आज मिल कर
शिवरात्री मनायें
अपने भक्ति भाव सें,
शिव शम्भु को रिझायें
बम बम बोलें,नमः शिवाय
कह कर भक्ति गीत गाएं
शिवरात्रि है मिलकर मस्त हो जाएं,
गौरीशंकर, कैलासपति पाहि पाहि
पार्वती पति के गुण गाएं
सच्चें मन पिता महादेव मां गौरा को ध्याएं।
-सीमा गुप्ता