*”महाशिवरात्रि”*
“महाशिवरात्रि”
शिव सत्य शिव अनंत शिव अनादि है।
शिव ओंकार शिव परमब्रम्ह ,शिव शक्ति शिव भक्ति है।
शिव सृजनहार शिव ही पालनहार शिव नाथों के नाथ है।
शिव अवतरण की महारात्रि जागरण महाशिवरात्रि आई है।
जिसने हलाहल विष को कंठ में समाया वो नीलकंठ त्रिपुरारी है।
जटा में विराजे भागीरथी गंगा ,निर्मल जल धारा बहती जाती है।
शिव भोले भंडारी ने भक्तों पर उपकार किया,शिव महिमा सभी ने जानी है।
भूत प्रेत ,देव गंधर्व ,शंखनाद ढोल मंजिरे डमरू बजा गौरा संग ब्याह रचाने चले है।
गौरी माता को मिला सुखद वरदान ,हिमालय राज द्वार पर खड़े हुए हैं।
दूल्हा बने शिव शंकर कैलाश पति,आनंदित धरा अंबर ने भी पुष्प बरसाए है।
शुभ फल दायक महाशिवरात्रि पर्व शुभ मंगल बेला महोत्सव आया है।
ॐ नमः शिवाय से गूँजे धरा , दुग्ध जल धाराओं से रुद्र अभिषेक कराये है।
शिव शंभू कैलासवासी ,बम बम भोलेनाथ कष्ट दूर कर हाथ जोड़ वंदन शीश झुकाये हैं।
आओ हम सभी मिलकर नमन करें , भोले भंडारी भक्तों पर कृपा बरपाये है।
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात
“ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमाम शरणागतम।
“जन्म जरा मृत्यु जरा व्याधि पीढ़ितम कर्मबंधनेही।।”
“नमो दैत्ये महादेव्यै शिवायै सततं नमः
नमः प्रकृतै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मताम
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
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शशिकला व्यास✍️