महारानी कौशल्या
राजकुमारी थी कौशल्या , पटरानी पहचान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली
धर्म निभाया पूरा अपना , कभी नहीं इंकार किया
केकैयी और सुमित्रा से भी, बहनों जैसा प्यार किया
मगर डगर जीवन की कोई, उसे नहीं आसान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली
टूटा कोमल दिल जब उसका, बेटे को वनवास मिला
फिर भी राजा दशरथ से था, उसको कोई नहीं गिला
आँसू भरकर मिला समंदर, पर छोटी मुस्कान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली
इधर गये वन राम सिया सँग, उधर न दशरथ जी पाये
और लखन बिन उर्मिल का भी, दर्द नहीं देखा जाये
चारों ओर नज़र दौड़ाई , पर मुश्किल में जान मिली
माता श्री भगवान राम की मगर दुखों की खान मिली
पुत्र भरत पर राम सरीखी , अपनी ममता बरसाई
मगर राम को जीते जी वह ,भुला नहीं पल भर पाई
जीने को तो मिली ज़िन्दगी, लेकिन मृत्यु समान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली
05-01-2022
डॉ अर्चना गुप्ता