Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2022 · 1 min read

महारानी कौशल्या

राजकुमारी थी कौशल्या , पटरानी पहचान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली

धर्म निभाया पूरा अपना , कभी नहीं इंकार किया
केकैयी और सुमित्रा से भी, बहनों जैसा प्यार किया
मगर डगर जीवन की कोई, उसे नहीं आसान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली

टूटा कोमल दिल जब उसका, बेटे को वनवास मिला
फिर भी राजा दशरथ से था, उसको कोई नहीं गिला
आँसू भरकर मिला समंदर, पर छोटी मुस्कान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली

इधर गये वन राम सिया सँग, उधर न दशरथ जी पाये
और लखन बिन उर्मिल का भी, दर्द नहीं देखा जाये
चारों ओर नज़र दौड़ाई , पर मुश्किल में जान मिली
माता श्री भगवान राम की मगर दुखों की खान मिली

पुत्र भरत पर राम सरीखी , अपनी ममता बरसाई
मगर राम को जीते जी वह ,भुला नहीं पल भर पाई
जीने को तो मिली ज़िन्दगी, लेकिन मृत्यु समान मिली
माता श्री भगवान राम की,मगर दुखों की खान मिली

05-01-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

8 Likes · 10 Comments · 623 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कौन्तय
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
Neelam Sharma
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
3633.💐 *पूर्णिका* 💐
3633.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
*पढ़-लिख तो बेटी गई किंतु, पढ़-लिख कर भी वह हारी है (राधेश्य
*पढ़-लिख तो बेटी गई किंतु, पढ़-लिख कर भी वह हारी है (राधेश्य
Ravi Prakash
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
Ranjeet kumar patre
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
कूष्माण्डा
कूष्माण्डा
surenderpal vaidya
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
Ritu Asooja
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
Piyush Goel
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
If We Are Out Of Any Connecting Language.
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
पिता का प्यार
पिता का प्यार
Befikr Lafz
सावन बीत गया
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पर्व दशहरा आ गया
पर्व दशहरा आ गया
Dr Archana Gupta
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
सत्य कुमार प्रेमी
"दुबराज"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम महज
प्रेम महज
हिमांशु Kulshrestha
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
Loading...