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29 Nov 2024 · 5 min read

*महाराजा अग्रसेन या भगवान अग्रसेन*

महाराजा अग्रसेन या भगवान अग्रसेन
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नागपुर से प्रकाशित अग्रचिंतन पत्रिका ने अपने 130 पृष्ठ के भगवान अग्रसेन जन्मोत्सव विशेषांक 2024 में इस प्रश्न को जोर-जोर से उठाया है कि अब हम अग्रसेन जी को भगवान अग्रसेन कहकर संबोधित क्यों न करें ? देश भर के अग्रवाल-चिंतकों के लेख इस विषय पर संपादक दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने आमंत्रित किये।

पत्रिका ने संपादकीय के माध्यम से इस बात को मुखरित किया कि हमारे आदिपुरुष अग्रसेन जी की छवि अब हमारे हृदय में मात्र एक राजा-महाराजा की न होकर ईश्वर तुल्य हो गई है। अब हमें अग्रसेन जी को भगवान स्वरूप पूजने की परंपरा को आने वाली पीढ़ियों को सौंपना होगा। संपादकीय का शीर्षक महाराजा अग्रसेन नहीं भगवान अग्रसेन स्वयं में एक नए तेवर के साथ आगामी विचार-चिंतन की घोषणा कर रहा है।

पत्रिका में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के संदेश में भी भगवान अग्रसेन का उल्लेख किया गया है। यह अग्रचिंतन पत्रिका की संपादकीय-प्रकाशकीय नीति के ही अनुरूप है।

विभिन्न विचारकों ने भगवान अग्रसेन संबोधन पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं।

डॉक्टर अशोक अग्रवाल अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। उनके लेख का शीर्षक ही यह है श्री अग्रसेन सिर्फ महाराज नहीं बल्कि भगवान तुल्य। अपने लेख में डॉक्टर अशोक अग्रवाल ने लिखा है कि हम लोगों के रीति रिवाज और संस्कार श्री अग्रसेन जी के समक्ष उनके मंदिर में संपन्न हों, तो हमें उन्हें भगवान के रूप में पूजना ही होगा।

रामपुर,उत्तर प्रदेश निवासी रवि प्रकाश (इन पंक्तियों के लेखक) के अग्रचिंतन पत्रिका में प्रकाशित लेख में उल्लिखित है कि महाराजा अग्रसेन ने मनुष्य के रूप में जन्म तो लिया लेकिन हम जब उन्हें भगवान अग्रसेन कहते हैं तो इसका अर्थ यह होता है कि मनुष्य के भीतर जो दिव्य शक्ति विराजमान है, वह महाराजा अग्रसेन के रूप में अपनी सर्वोच्चता के साथ प्रकाशित हुई। दिव्यता का यह सर्वोच्च प्रकटीकरण ही अद्भुत और अकल्पनीय होता है। इसी के कारण हम महाराजा अग्रसेन को भगवान अग्रसेन कहने के लिए विवश हो जाते हैं। हमारा मस्तक उनके प्रति एक भक्त की भांति झुक जाता है।

रायगढ़ छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्र लेखक कमल मित्तल ने अपने लेख में आह्वान किया है कि अब हम भगवान अग्रसेन के रूप में ही संबोधित करना आरंभ करें ।

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय मंत्री तथा महाराष्ट्र राज्य अग्रवाल सम्मेलन के उपाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल का मत है कि श्रद्धा के साथ अगर महाराजा अग्रसेन जी को हम भगवान के रूप में उन्हें देवत्व की श्रेणी में प्रस्तावित करें तो यह स्वागत योग्य है। हालांकि गोपाल अग्रवाल जी यह भी कहते हैं कि फिर भी यह निज भावना का प्रश्न है।

डॉक्टर श्री कृष्ण मित्तल मैसूर का स्पष्ट मत है कि महाराजा अग्रसेन सभी अग्रवालों के लिए किसी भी भगवान से कम नहीं हैं।

अग्रसाहित्य की अनेक पुस्तकों के लेखक तथा अग्रवाल समाज की प्रथम पंक्ति में सुशोभित प्रसिद्ध विद्वान जोधपुर (राजस्थान) निवासी अशोक कुमार गुप्ता ने अपने विस्तृत लेख में यह बात तो अग्रवालों के ऊपर ही छोड़ दी और कहा कि अग्रसेन जी को महाराज कहें या भगवान- निर्णय आप करें !लेकिन इतिहास की विविध पुस्तकों के गहन अध्ययन के आधार पर आपने दावा किया है की सन 1871 से अब तक लगभग डेढ़ सौ पुस्तकें अग्रसेन जी के इतिहास के बारे में लिखी जा चुकी हैं। कहीं भी भगवान शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है। भाटों द्वारा लिखे और गाए जाने वाले गीतों में भी आपके अनुसार अग्रसेन जी को भगवान नहीं माना गया है। आपका मत है कि अपने ऐतिहासिक कार्यों से ही महाराजा अग्रसेन कालजई परंपराओं के संस्थापक बने।

पत्रिका में ज्वलंत प्रश्न से हटकर भी काफी अच्छे लेख हैं। महान महाराजा अग्रसेन शीर्षक से रविंद्र कुमार गणेरीवाला , नागपुर द्वारा लिखित तथ्यपरक लेख में अग्रवालों को नियमों और संस्कारों के साथ जीवन-यापन करने पर बल दिया गया है। आपका कहना है कि भले ही समाज के कुछ लोग बुराइयों की ओर गमन कर गए हों लेकिन फिर भी अग्रवाल समाज को महालक्ष्मी का वरदान प्राप्त होने के कारण इन बुराइयों का असर अधिक नहीं फैल पाता। आज भी अग्रवाल समाज 5000 वर्ष से चली आ रही अपनी परंपरा और संस्कारों का पालन करता है।

अग्रवाल समाज द्वारा विविध गतिविधियों की सूचना के अंतर्गत नागपुर में महाराष्ट्र राज्य अग्रवाल सम्मेलन द्वारा 13 अप्रैल 2024 को गीता के प्रसिद्ध विद्वान स्वामी ज्ञानानंद जी के प्रवचन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
एक लेख सुषमा अग्रवाल नागपुर, महाराष्ट्र का भी है। इसमें कलयुग में शॉर्टकट से भक्ति के प्रचलन पर व्यंग्यात्मक शैली का पुट देते हुए लेखिका ने संक्षेप में अपनी बात रखी है। फास्टमफास्ट शब्द का प्रयोग विशेष ध्यान आकृष्ट करता है। लेखिका लिखती हैं: ‘&कलयुग में हर कुछ फास्टमफास्ट और दौड़ते भागते हुए रेलमपेल की तरह हो रहा है, तो भला भक्ति कैसे अछूती रहती ?’

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक जुलाई 2024 को हैदराबाद में हुई। जिसमें प्री वेडिंग शूटिंग पर रोक लगाने के प्रस्ताव को अग्रचिंतन ने शीर्षक के साथ प्रकाशित किया।

अग्रवाल समाज के हाल ही में दिवंगत महापुरुषों के जीवन चरित्र को प्रकाशित करते हुए अग्रचिंतन ने विनम्र प्रणाम निवेदित किया है।
जमनालाल बजाज परिवार के स्वर्गीय हरगोविंद बजाज का 96 वर्ष की आयु में 13 अक्टूबर 2023 को निधन हुआ था। आपका कहना था कि मैं लोगों से कहता हूं कि झूठ कम से कम बोलो। कारोबार में ईमानदार रहो।
स्वर्गीय रामकृष्ण पोद्दार की मृत्यु 13 अगस्त 2024 को 86 वर्ष की आयु में हुई। पत्रिका ने बताया कि आपने नागपुर में सन 1966 में श्री राम जन्मोत्सव शोभा यात्रा की नींव रखी थी।
79 वर्ष की आयु में वर्ष 2024 में दिवंगत स्वर्गीय विनोद माहेश्वरी 6 दशक से पत्रकारिता में सक्रिय रहे। पत्रिका के अनुसार उन्होंने राजनीतिक शुचिता का पाठ पढ़ाया तथा भेदभाव रहित सामाजिक मूल्यों के पक्षधर थे।
27 मार्च 2024 को दिवंगत 77 वर्षीय स्वर्गीय ओम प्रकाश अग्रवाल जी ने नागपुर में अग्रवाल बिछायत केंद्र तथा सेवाकुंज धरमपेठ की स्थापना और संचालन किया था।
इसी पृष्ठ पर इन पंक्तियों के लेखक का गीत प्रकाशित हुआ है। बोल हैं: कहां गए वे लोग जगत में, पर उपकारी होते थे
इससे बेहतर स्थान इस गीत के प्रकाशन के लिए पत्रिका में शायद ही कोई और हो।

दुर्गा प्रसाद अग्रवाल जी द्वारा भारी परिश्रम और लगन से अग्रचिंतन पत्रिका प्रकाशित की जा रही है। पत्रिका का आकर्षण देखते ही बनता है। पत्रिका के सभी प्रष्ठ चिकने कागज पर बढ़िया रंगीन छपाई से युक्त हैं। कवर मोटा, चिकना और रंगीन है। अग्रचिंतन की प्रकाशन यात्रा के 27 वर्ष हो गए हैं। शायद ही भारत में अग्रवाल समाज की कोई पत्रिका अग्रचिंतन के समान भारी सज-धज के साथ निकालती हो। समाज को सार्थक दिशा देने में अग्रचिंतन प्रभावी भूमिका निभा रही है। अग्रवाल समाज के लिए भविष्य की योजनाएं बनाने और उनको क्रियान्वित करने के लिए जो रूपरेखा दुर्गा प्रसाद अग्रवाल जी अग्रचिंतन पत्रिका के प्रकाशक और संपादक के रूप में तैयार कर रहे हैं, उसकी जितनी सराहना की जाए कम है।
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समीक्षक: रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ, बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश 244901
मोबाइल/व्हाट्सएप 999761 5451

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