महामारी के बाद______ कविता
जो नहीं आना था वह आया।
देश सहित सारे जगत को सताया।
रोज देख रहे हैं आसमान की ओर अब हम तो।
पानी आना था पर नहीं आया।।
अभी दूर ही कहां हुआ है,
महामारी का साया।
“अल्प वर्षा” ने माथे पर,
चिंताओं का टीका लगाया।।
बीमारी से कोई हारा ,
किसी का टूटा सहारा।
नीर बिना प्यासी धरती अब,
अस्त व्यस्त मानसून आया।।
राजेश व्यास अनुनय