महान सत्याग्रही
महान जैन गुरु और जैन धर्म के महान प्रवर्त्तक महावीर जैन की पावन जन्मोत्सव मनाया । प्रभु यीशु मसीह के बलिदान दिवस को गुड फ्राइडे के रूप में याद किया।
दोनों संत सत्य और अहिंसा के पुजारी थे, तो सत्याहिंसा सहित स्वच्छता जैसे प्रवर्त्तन के प्रथम प्रतिपादक भगवान महावीर थे । हालाँकि महावीर स्वामी का जन्म बिहार के ही वैशाली जिला में हुआ था, तथापि इस राज्य में जैन धर्म के अनुयायियों की संख्या काफी कम है। गुजरात में इस धर्म के काफी अनुयायी हैं । महात्मा गाँधी गुजरात से थे और उनके परिवार में सनातन हिन्दू धर्म पर जैनी प्रभाव था, गाँधी जी में जैन धर्म का विशेष प्रभाव पड़ा।
देश गाँधी जी के द्वारा बिहार के चंपारण में प्रथम सत्याग्रह किये जाने के सौवीं वर्षगाँठ मना चुका है, इस उपलक्ष्य में बिहार की धरती पर पधारे गाँधी-दर्शन-संगी द्वारा उनके सत्याग्रही होने, अहिंसाग्रही होने और स्वच्छाग्रही होने की पुरजोर वकालत करते हुए इस 21 वीं सदी में भी ऐसे दर्शन की प्रासंगिकता बता रहा है।
बिहार की सैद्धांतिक उर्वर भूमि के होकर भी हम संत महावीर जैन के विचारों को गाँधी जी के दर्शन के माध्यम से जान समझ रहे हैं और ऐसा भी क्यों न हो कि संभव हो, महात्मा गाँधी ‘महात्मा महावीर’ के अवतार रहे हों । अभी से हम कसम ले कि सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के मार्ग पर चलते हुए हम यथाशीघ्र आग्रही बने।