महादेव से अनुनय
जय शम्भु परम वैरागी ।
जय महेश ध्यान अनुरागी ।।
है करुणाकर करुणानिधान।
गये हो कहाँ अन्तर्ध्यान ।।
आओ है करुणानिधि आओ।
वसुंधरा की प्यास बुझाओ।।
है सर्वेश्वर शंकर आओ।
क्षण भर या क्षण में आओ।।
है शुम्भेश्वर है सर्वात्मन।
देखो कैसे रहते हैं सब जन।
आओ है त्रिपुरारी आओ।
शीघ्र या विलम्ब से आओ।।
कहता है ये भारत भूषण।
देखो कितने कष्ट में सब जन।।
है त्रिपुरारी है असुरारी ।
तरस गई अब वसुंधरा बेचारी।
आओ है प्रथमेश्वर आओ।
अब तो आतंक पर प्रतिबंध लगाओ।
आओगे अब कब तुम ।
वसुंधरा सर्वत्र जब हो जाएगी गुम।।