महात्मा
महात्मा बुद्ध, विदुर महात्मा
वेदव्यास, कालिदास महात्मा
नवदुर्गा का संदेश समझकर
लक्ष्मीबाई हुई महात्मा ।
आर्यभट्ट का शोध,
पतंजलि का योग महात्मा
कपिल मुनि का तप देख,
भागीरथ हुए महात्मा ।
राम महात्मा मर्यादा से
कृष्ण महात्मा गीता से
महात्म्य सीखो सब नारी
पति पारायण सीता से ।
चंद्रशेखर, भगत, बिस्मिल
त्याग बलिदान से हुए महात्मा
अपमानित अनुभव करने से
गांधी जी हुए महात्मा ।
सद्गुण का सृजन महात्मा
जप राम नाम वाल्मीकि महात्मा
आत्मज्ञान का बोध हुआ तब,
रविदास जी हुए महात्मा ।
गुरु की आज्ञा शिरोधार्य कर
विवेकानंद महात्मा, जब हुए नरेंद्र
फैला ज्ञान का चतुर्दिक प्रकाश
सब देवों सहित खुश हुए देवेंद्र ।
राम सा पति ,श्रवण सा पुत्र
कृष्ण सखा सा, कर्ण सा मित्र
ऐसी इच्छा रखे,उसे आत्मा कहते हैं
सद्गुण का जो दान करे,उन्हे महात्मा कहते हैं।