Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 2 min read

महात्मा बुद्ध

महात्मा बुद्ध

पूर्वज थे इक्ष्वाकु वंशीय,
जन्म लिया छत्रिय शाक्य कुल में,
शाक्य कुल रहता था लुंबिनी में,
लुंबिनी बसा था नेपाल में।

माता इनकी माया देवी ,पिता इनके शुद्धोधन थे,
घर इनके आया एक नन्हा बालक,
सोच रहे थे पूरी हो गई मन की मनोरथ,
नाम रखा गया उसका सिद्धार्थ।

आई विपत्ति माँ का आंचल छूटा,
मौसी गौतमी ने इनको पाला,
बीत रहा था बचपन महलों में,
सीख रहे थे विद्या से युद्ध विद्या तक,
कार्यक्षेत्र में निपुणता से दौड़ रहे थे।

बचपन से ही करुण स्वभाव था,
कोई न प्राणी दुखी देखा जाता,
पर ना जाने क्यों मन नहीं रमता था।

छोटे-छोटे जीवो से लेकर
पशु पक्षी से स्नेह अपार,
उसकी पीड़ा अंतर्मन पर करती घात,
उस पर देते अपना सर्वस्व वार।

बचपन बीता आई जवानी,
सिद्धार्थ की एक बनी रानी,
दंडपाणि शाक्य की कन्या,
कितनी सुंदर कितनी कोमल,
यशोधरा नाम था उनका।

प्रसिद्धि या वैभव की वाहक,
अब तो राजा शुद्धोधन निश्चिंत हुए,
भोग विलास के पूरे प्रबंध किए
तीन ऋतुओ का सुंदर महल बनवाया,
रंजन के संग संग दास दासी को भी रखवाया,
पर सिद्धार्थ का मन कोई बांध ना पाया।

छोड़-छाड़ सब घर परिवार,
ग्रहण किया सन्यास अवतार,
पहला ज्ञान बोध में प्राप्त किया,
सारनाथ में पहला उपदेश दिया,
चार आर्य सत्यो का प्रचार किया।

वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में,
बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ,
बुध पूर्णिमा को जन्म हुआ,
पूर्णिमा को ज्ञान प्राप्त हुआ,
पूर्णिमा को उनका महानिर्वाण हुआ,
ऐसा बोलो कब किसके साथ हुआ।

तब से अब तक बुद्धपूर्णिमा का त्योहार मनाते हैं,
घर-घर में दीपक जलाते हैं,
धर्म ग्रंथों का पाठ कर आते हैं,
पिंजरो से पक्षी को मुक्त कराते हैं,
गरीबों को भोजन वस्त्र दान कराते हैं,
बुध पूर्णिमा का त्योहार मनाते ।

हरमिंदर कौर, अमरोहा (उत्तर प्रदेश)

1 Like · 56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरे अल्फाज याद रखना
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
" वाणी "
Dr. Kishan tandon kranti
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
मैं ताउम्र तुम से
मैं ताउम्र तुम से
हिमांशु Kulshrestha
निश्छल आत्मीयता
निश्छल आत्मीयता
Sudhir srivastava
*कविवर रमेश कुमार जैन*
*कविवर रमेश कुमार जैन*
Ravi Prakash
गीत- चले आओ...
गीत- चले आओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
Sonam Puneet Dubey
नागपंचमी........एक पर्व
नागपंचमी........एक पर्व
Neeraj Agarwal
तप रही जमीन और
तप रही जमीन और
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम भजन
राम भजन
Rajesh Kumar Kaurav
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
सुप्रभातम
सुप्रभातम
*प्रणय*
ఆ సమయం అది.
ఆ సమయం అది.
Otteri Selvakumar
सुनअ सजनवा हो...
सुनअ सजनवा हो...
आकाश महेशपुरी
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राखी का बंधन
राखी का बंधन
अरशद रसूल बदायूंनी
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हक -हुकूक -हसरत हल्ला मचा रही है
हक -हुकूक -हसरत हल्ला मचा रही है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आने का संसार में,
आने का संसार में,
sushil sarna
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
आनंदित जीवन
आनंदित जीवन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ब्याज वक्तव्य
ब्याज वक्तव्य
Dr MusafiR BaithA
Loading...