महाकाल दर्शन
आये कर शिप्रा स्नान,
किया प्रभू का गुणगान,
दर्शन के लिये हम खड़े,
पल पल हमारे पग बड़े,
देखना है भस्म आरती,
थाेड़ी शरारत और मस्ती,
ताकि न आ पाये निंदिया,
कर जाेड़ ,माेह छाेड़ दिया,
जैसे जैसे भाैर हाे चली,
फूल बन चुकी हर कली,
नभ में छाने लगी लालिमा,
महाकाल की है यह महिमा,
पंछी छाेड़ नीड़ उड़ चले,
महाकाल के दर्शन मिले,
।।जेपीएल।।