महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
जाने से उसके रंग-ए-गुलिस्ताँ बदल गया।
बस एक तुम ही बदली नहीं ‘नीलम’
बदला अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू ढब भी बदल गया ।
नीलम शर्मा ✍️
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
जाने से उसके रंग-ए-गुलिस्ताँ बदल गया।
बस एक तुम ही बदली नहीं ‘नीलम’
बदला अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू ढब भी बदल गया ।
नीलम शर्मा ✍️