महफ़िल
वो महफ़िल में आते हैं
दीप तभी जल जाते हैं
औरों की छोडो़ भी बात
खुद पर ईमां लाते हैं
वक्त के ये मंजर भी देखो
अदभुत खेल खिलाते हैं
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
वो महफ़िल में आते हैं
दीप तभी जल जाते हैं
औरों की छोडो़ भी बात
खुद पर ईमां लाते हैं
वक्त के ये मंजर भी देखो
अदभुत खेल खिलाते हैं
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा