मस्ती में चूर – डी के निवातिया
हम अपनी मस्ती में चूर रहते है,
मतलबी दुनिया से दूर रहते है,
जब से पिया है जाम-ऐ-मुहब्बत,
उसी के नशे में मगरूर रहते है !
***
डी के निवातिया
हम अपनी मस्ती में चूर रहते है,
मतलबी दुनिया से दूर रहते है,
जब से पिया है जाम-ऐ-मुहब्बत,
उसी के नशे में मगरूर रहते है !
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डी के निवातिया