मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
उलझन तो ये है कि बिना लिखे
इस दिल को कैसे समझाऊं ?
मंजू सागर
गाजियाबाद
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
उलझन तो ये है कि बिना लिखे
इस दिल को कैसे समझाऊं ?
मंजू सागर
गाजियाबाद