– मशहूर होने पर लोगो की वाह वाही पर गहलोत की पंक्तियां –
ज्यादा मशहूरित भी अच्छी नही मेरे लिए,
यह तो ईश्वर की अनुकंपा है की अविवाहित है हम,
वरना दूर के रिश्तेदार भी आज सब कहते यह तो हमारा जमाई है
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
ज्यादा मशहूरित भी अच्छी नही मेरे लिए,
यह तो ईश्वर की अनुकंपा है की अविवाहित है हम,
वरना दूर के रिश्तेदार भी आज सब कहते यह तो हमारा जमाई है
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान