Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2022 · 1 min read

मर गये ज़िंदगी को

अपनी आंखों के अश्क़ पीने में ।
मर गये जिंदगी को जीने में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 166 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

अक्सर ये ख्याल सताता है
अक्सर ये ख्याल सताता है
Chitra Bisht
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
Colourful fruit
Colourful fruit
Buddha Prakash
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
पं अंजू पांडेय अश्रु
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
मन
मन
MEENU SHARMA
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
ये बेजुबान हैं
ये बेजुबान हैं
Sonam Puneet Dubey
“दीपावली की शुभकामना”
“दीपावली की शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
روح میں آپ اتر جائیں
روح میں آپ اتر جائیں
अरशद रसूल बदायूंनी
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
..
..
*प्रणय*
हमारा मन
हमारा मन
surenderpal vaidya
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
Ajit Kumar "Karn"
मलाल
मलाल
अनिल "आदर्श"
हमारा चांद आया है
हमारा चांद आया है
अनिल कुमार निश्छल
, गुज़रा इक ज़माना
, गुज़रा इक ज़माना
Surinder blackpen
गरीब की दिवाली।।
गरीब की दिवाली।।
Abhishek Soni
विवश मन
विवश मन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
कागज़ के फूल ( प्रेम दिवस पर विशेष )
कागज़ के फूल ( प्रेम दिवस पर विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
हर दुआ में
हर दुआ में
Dr fauzia Naseem shad
विषय :- मीत
विषय :- मीत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
4918.*पूर्णिका*
4918.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जाने किस मोड़ पे आकर मै रुक जाती हूं।
जाने किस मोड़ पे आकर मै रुक जाती हूं।
Phool gufran
"CCNA® Training in London: Become a Certified Network Associate with Cisco"
bandi tharun
Loading...