मर्यादा में रहो ..
तुम अपनी मर्यादा न लांघो,
हम भी अपनी मर्यादा में रहेंगे ।
तुम हमारे धर्म पर टिप्पणी ना करो ,
हम भी तुम्हारे मजहब पर खामोश रहेंगे ।
तुम हमारे आराध्यों का सम्मान करो ,
हम भी तुम्हारे नबी की इज्जत करेंगे ।
धर्म कोई भी बुरा नहीं होता ,आप मानेंगे!
मजहब को अज्ञानी इंसान ही बदनाम करेंगे ।
गीता और कुरान दोनो पढ़के देख लो ,
सभी इंसानियत का ही संदेश देंगे ।
फिर अपनी अपनी मर्यादाओं में रहकर ,
इंसानियत धर्म का पालन यदि हम करेंगे ।
तो ना ईश्वर हमसे रूष्ट होगा ,
ना खुदा आपसे नाराज होंगे ।