Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2020 · 1 min read

” मर्यादापुरूषोत्तम “

अजब अवतार थे आप
गजब अवतार थे आप
सारे अवतारों में
सर्वश्रेष्ठ अवतार थे आप ,
आपने खुद को मनुष्य जाना
मर्यादा में रहने का प्रण ठाना ,
बड़ा अनोखा अवतार था
प्रभु में नर का वास था ,
हर रूप में दिव्य रूप दिखाया
इस रूप में बस मस्तक झुकाया ,
आपको था पता…
ये अवतार सबसे कठिन अवतार है
मनुष्य का जीवन कष्टों का सार है
फिर भी इस योनी को अपनाया
” सीमा ” जिसके अधीन नही थे आप
परन्तु उसी में रहते हुये खुद को
” मर्यादापुरूषोत्तम ” कहलवाया ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 23 – 02 – 2018 )

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
"अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतं
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
शुक्र करो
शुक्र करो
shabina. Naaz
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
पानी बचाऍं (बाल कविता)
पानी बचाऍं (बाल कविता)
Ravi Prakash
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
शाम
शाम
Kanchan Khanna
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
पूर्वार्थ
शीर्षक बेटी
शीर्षक बेटी
Neeraj Agarwal
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
Ajit Kumar "Karn"
😊
😊
*प्रणय*
चाहतें हैं
चाहतें हैं
surenderpal vaidya
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
हाजीपुर
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
तन मन धन निर्मल रहे, जीवन में रहे उजास
तन मन धन निर्मल रहे, जीवन में रहे उजास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रोशनी चुभने लगे
रोशनी चुभने लगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
बस भगवान नहीं होता,
बस भगवान नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
प्रेम की लीला
प्रेम की लीला
Surinder blackpen
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...