मरने की इजाज़त
तुम मुझे भूलने की कोशिश करो
लेकिन मैं तुम्हें मनाता रहूंगा
सोच लो, अपनी पर आ गया तो
सपनों में आकर, सताता रहूंगा
भूलना मुझको मुमकिन नहीं
अब तुम्हारे लिए भी सनम
तेरी हर सांस में बसा हूं मैं अब
सांसों के बिन कैसे रहोगे सनम
नाराज़गी तो पल भर की है
ऐसे न अब मुझको सताओ सनम
अब आ भी जाओ सामने तुम
नाराज़गी का कारण बताओ सनम
रूठना मनाना तो अच्छा है
ज़िंदगी से चले जाना अच्छा नहीं
प्यार किया है तो निभाना है
बीच राह में छोड़ना अच्छा नहीं
तुम्हारे बिन अब और नहीं
रहा जा रहा है मुझसे
मेरी ये प्यासी आंखें भी अब
मिलने को आतुर है तुमसे
जान कहते थे तुम तो मुझे
फिर क्यों जान की जान ले रहे हो
दूर रहकर मुझसे अब तुम
क्यों मुझको इतना सता रहे हो
जल्दी लौटकर आ जा अब
या सांसों को छोड़ने की रज़ा दे दे मुझे
तेरे बिन जीने में मज़ा नहीं
अब तू मरने की इजाज़त दे दे मुझे।