#कुंडलिया//
मरना जीना सत्य है , दुनिया कोरा झूठ।
जीवन जीना मौज़ में , ख़ुद से कभी न रूठ।।
ख़ुद से कभी न रूठ , प्यार जग में है सच्चा।
जोड़ी राँझा-हीर , जानता बच्चा-बच्चा।
सुन प्रीतम की बात , कर्म की पूजा करना।
जाते ये ही संग , छोड़कर सब है मरना।
#आर.एस. ‘प्रीतम’