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27 Aug 2022 · 1 min read

मम्मी (बाल कविता)

मम्मी (बाल कविता)
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सुबह सुबह उठ जातीं मम्मी
फिर हम पर चिल्लातीं मम्मी

हम सोते ही रह जाते जब
कान पकड़ उठवातीं मम्मी

साबुन पानी और तौलिया
कपड़े रख नहलातीं मम्मी

झटपट दूध गरम करती हैं
जबरन हमें पिलातीं मम्मी

पूरी – आलू ब्रेड – मलाई
झटपट रोज बनातीं मम्मी

बस्ता लाद विदा करती हैं
फिर थोड़ा सुस्तातीं मम्मी

लौट दुपहरी जब घर आते
होमवर्क करवातीं मम्मी

रचयिता रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451

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