Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 3 min read

मम्मी का ग़ुस्सा.

बात सन् १९७५ की हैं मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में सहारनपुर के एक गाँव सबदलपुर में स्वास्थ विभाग में कार्यरत थे. पिता जी का स्थानांतरण थाना भवन( जलालाबाद) से हुआ था.मेरे पिता जी को सिगरेट पीने की आदत थी,एक दिन में करीब १०-१५ सिगरेट पी लेते थे, और उस समय उन सिगरेट की क़ीमत लगभग १.५०-२.०० रुपये प्रतिदिन होती थी और एक लीटर दूध क़रीब १.१५प्रति लीटर हुआ करता था . क़रीब सुबह के १० बजे होंगे रविवार का दिन था मैं और मेरे पापा खाट पर नीम के पेड़ के नीचे बैठे अख़बार पढ़ रहे थे साथ ही साथ पापा सिगरेट भी पी रहे थे. मेरी मम्मी पता नहीं किस बात पर ग़ुस्से में थी, पापा से बोली आप इतनी सिगरेट पी रहे हो, दिन में क़रीब १.५० से २ रुपये का खर्चा होता हैं और एक लीटर दूध की क़ीमत १.१५ रुपये हैं , पापा ने तभी ग़ुस्से में सिगरेट पैकेट व माचिस को तरोड़ मरोड़ कर नाली में फेंक दिया, वो दिन और आज का दिन पापा को सिगरेट पीते कभी नहीं देखा. उन दिनों पापा के पास एक साइकिल हुआ करती थी, पापा आफिस के काम से ३ दिन में क़रीब ६० किलोमीटर ( आना व जाना) चला लिया करते थे.उन दिनों हम भाई बहन(मैं,२ भाई व बहन ) व मम्मी पापा शाम के समय सब एक साथ पूजा करते थे और पूजा के तुरंत बाद खाना खाते थे बड़ा अच्छा लगता था एक दिन खाना खाते हुए मम्मी बोली क्यूँ न स्कूटर ले लिया जाए एक साथ सभी बोले हाँ पापा स्कूटर ले लो,उन दिनों एक कम्पनी ने एक नया स्कूटर लाँच किया था.सन् १९७७ में पापा ने स्कूटर लिया उस समय क़ीमत लगभग ५२७२ रुपये थी. और मजे की बात सन् १९७७ में स्कूटर का नंबर ६३७७ था, जो आज तक याद हैं मुझे.यहाँ पर जो सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं सिगरेट के बचे पैसे स्कूटर लेते समय बहुत काम आए . और जिस दिन स्कूटर आया था ( सन् १९७७) पूरा गाँव स्कूटर देखने आया था,हम सब भाई बहन बड़े ही खुश थे.सन् १९७७ में स्कूटर रखना अपने आप में बहुत बड़ी बात थी,आज सन् २०२२ में क़रीब मैं ८५००० रुपये का स्कूटर लेकर आया, ४६ साल में क़रीब ८०,००० रुपये कीमती पर उस समय पूरा गाँव देखने आया था, लेकिन आज कोई नहीं ….लेखक के बारे में-पीयूष गोयल दर्पण छवि के लेखक,पीयूष गोयल 1७ पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुके हैं,सबसे पहली पुस्तक( ग्रन्थ) “श्री भगवद्गीता”के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक हिंदी व् इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा हैं इसके अलावा पीयूष ने हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखित पुस्तक “मधुशाला”को सुई से लिखा हैं ,और ये दुनिया की पहली पुस्तक हैं जो सुई से व् दर्पण छवि में लिखी गई हैं इसके बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुस्तक “गीतांजलि”( जिसके लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को सन 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था) को मेहंदी कोन से लिखा हैं.

पीयूष ने विष्णु शर्मा जी की पुस्तक “पंचतंत्र”को कार्बन पेपर से लिखा .अटल जी की पुस्तक “मेरी इक्यावन कवितायेँ”को मैजिक शीट पर लकड़ी के पैन से लिखा और अपनी लिखित पुस्तक “पीयूष वाणी” को फैब्रिक कोन लाइनर से लिखा हैं सं 2003 से 2022 तक 17 पुस्तके लिख चुके हैं. दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. Awards- 1.Limca Book or Records(2Times). 2.World Record( World Record Association).For writing World First Hand Write Needle book Madhushala 3.Dr.Sarvepalli Radhakrishnan Award-2021. 4.इंडियन बैस्टीज़ अवार्ड- 2021. 5.Fanatixx Spectrum Award. 6.Criticspace Literary Award-2022. 7.Guest of Honour-Tittle( Best Entrepreneur of the Year Award-2022. 8.हिन्द शिरोमणि सम्मान-2023. 9.कबीर कोहिनूर सम्मान-2023.

Language: Hindi
66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पिता आख़िर पिता है
पिता आख़िर पिता है
Dr. Rajeev Jain
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
If.. I Will Become Careless,
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
इन्तिज़ार,
इन्तिज़ार,
हिमांशु Kulshrestha
कुदरत ने क्या ख़ूब करिश्मा दिखाया है,
कुदरत ने क्या ख़ूब करिश्मा दिखाया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तू
तू
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
कैसे ज़मीं की बात करें
कैसे ज़मीं की बात करें
अरशद रसूल बदायूंनी
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
यादों की है कसक निराली
यादों की है कसक निराली
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बेटे की माॅं
बेटे की माॅं
Harminder Kaur
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
DrLakshman Jha Parimal
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते
स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते
ललकार भारद्वाज
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
gurudeenverma198
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
मेरी अर्थी🌹
मेरी अर्थी🌹
Aisha Mohan
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
पूर्वार्थ
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
بدلتا ہے
بدلتا ہے
Dr fauzia Naseem shad
ढोल  पीटते हो  स्वांग रचाकर।
ढोल पीटते हो स्वांग रचाकर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
*दिल से*
*दिल से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ खास दिलों को
कुछ खास दिलों को
shabina. Naaz
🙅ताज्जुब कैसा?🙅
🙅ताज्जुब कैसा?🙅
*प्रणय*
Loading...