ममता बस नाम भर को मगर ममता नहीं …
ममता है बस नाम भर को ,
मगर ममता तनिक भी नहीं।
बिना दया ,प्रेम और करुणा के ,
यह औरत औरत ही नहीं।
छल कपट और गुंडागर्दी से ,
सत्ता पर अधिकार जमाया हुआ है,
बंगाल की स्वर्ग समान धरती पर ,
हिंसा और रक्तपात फैलाया हुआ है ।
हिंदू नाम रखकर यह चंदालिका,
हिंदुत्व का अनादर है करती ।
निज स्वार्थ अनुसार धर्म से खेलती ,
ईश्वर जाने !यह कौन से धर्म से है ,
वास्ता रखती ।
सत्य मानो इस कुटिल नेता का ,
कोई धर्म होता ही नहीं।
धर्म तो क्या ईमान भी ऐसे अमानुषी ,
का होता नहीं!
नफरत और कटुता का जहर ,
घोलती माटी और उसके मानुष में।
उस पर शत्रु पड़ोसी देशों से सांठ गांठ ,
मशगूल है सरासर गद्दारी में।
सुना था कभी बंगाल बड़े शांत ,
और मीठे स्वभाव के होते है ।
और ईमानदारी और देशभक्ति में ,
सबसे अग्रणी होते है ।
कितने महान वीरों ,कवियों और ,
समाज सेवियों की यह धरती ।
महाकवि रविंद्र नाथ टैगोर और ,
सुभाष चंद्र बोस की यह धरती ।
परंतु ! हाय अफसोस ! इसकी
क्या गत बनी हुई है ।
क्योंकि इसमें इंसान नहीं ,
एक चंडालिका शासन कर रही है ।
कौन दिलवाए इससे मुक्ति ,
सोच कर हैरान हूं ।
मैं वास्तव में बंगाल की हालत से ,
बहुत परेशान हूं ।