Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

मन

अनमना-सा हो गया है,मन न जाने क्यूँ
आज फिर से खो गया है, मन न जाने क्यूँ
धूप की चादर पहनकर,दोपहर के वक्त
छत पे जा के सो गया है,मन न जाने क्यूँ

65 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

*
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Agarwal
" जागीर "
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्वर की अजीब लीला है...
ईश्वर की अजीब लीला है...
Umender kumar
★ आज का मुक्तक
★ आज का मुक्तक
*प्रणय*
देख लो आज़ उसकी चिट्ठी आई है,
देख लो आज़ उसकी चिट्ठी आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
Jyoti Roshni
*रामचरितमानस अति प्यारा (चौपाइयॉं)*
*रामचरितमानस अति प्यारा (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
2747. *पूर्णिका*
2747. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
Indu Singh
आँगन में दीवा मुरझाया
आँगन में दीवा मुरझाया
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
221/2121/1221/212
221/2121/1221/212
सत्य कुमार प्रेमी
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
Chaahat
नए साल में....
नए साल में....
sushil yadav
Fight
Fight
AJAY AMITABH SUMAN
मेरे मन की मृदु अभिलाषा मेरा देश महान बने ...
मेरे मन की मृदु अभिलाषा मेरा देश महान बने ...
Sunil Suman
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
उम्मीदें कातिलाना होती हैं
उम्मीदें कातिलाना होती हैं
Chitra Bisht
उन्मादी चंचल मन मेरे...
उन्मादी चंचल मन मेरे...
Priya Maithil
*तू कौन*
*तू कौन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
-अपनो से हिचकिचाहट -
-अपनो से हिचकिचाहट -
bharat gehlot
साइस और संस्कृति
साइस और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
दीप जला दो
दीप जला दो
Dr.Pratibha Prakash
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
एक ख़्वाब सी रही
एक ख़्वाब सी रही
Dr fauzia Naseem shad
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
Rj Anand Prajapati
*अब तो चले आना*
*अब तो चले आना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...